रेनवाल। व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार से लेकर सभी सामाजिक रीति-रिवाजो में बेटो की जरुरत पडती है। बेटा नही होने की स्थिति में उसके परिवार के पुरुष वर्ग के द्वारा सामाजिक रीति-रिवाज सम्पन्न कराये जाते है। शायद इसी वजह से हर व्यक्ति एक बेटे की चाह रखता है की वो बुढापे की स्थिति में एवं अंतिम समय में उसका सहारा बने।
लेकिन इन सबके विपरीत फुलेरा में एक नई मिसाल एवं अनुकरणीय उदाहरण देखने को मिला है जंहा बेटा नही होने की स्थिति में बेटियों ने बेटे के रुप में अपना फर्ज निभाया । सबसे पहले अपने बिमार पिता की दोनों बेटियों ने बराबर सेवा की, फिर पिता की मृत्यु के बाद बेटा बनकर सारे रीति-रिवाज निभाये। पूरे समाज एवं रिश्तेदारो के मध्य बडी बेटी ने पगडी बंधाते हुये एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया।
गौरतलब है कि फुलेरा के जोबनेर रोड स्थित गणेशम सिटी में रहने वाले रेल्वे से सेवानिवृत वरिष्ठ लिपिक राजेन्द्र कुमार वर्मा-भॅवण सोनी का ब्रैन हैमरैज के चलते दस दिन से ज्यादा बीमार रहने के बाद दिनांक 15 अक्टूबर 2023 को निधन हो गया था।बेटा नही होने की स्थिति में उनकी दोनो बेटियों प्रिंयका एवं निलिशा ने अपनी माँ शीला देवी के साथ बेटा बनकर बराबर सेवा की।
राजेन्द्र कुमार वर्मा के आकस्मिक निधन के बाद उनकी दोनों बेटियों ने परिवार के सानिध्य में बेटा बनकर सभी रीति-रिवाज सम्पन्न कराये। बाहरवें पर पगडी की रस्म में बडी बेटी प्रियंका ने समाज एवं रिश्तेदारो के सम्मुख पगडी बंधाते हुये हमेशा कुल का मान बढाने की बात रखी।
परिवार के वरिष्ठ सदस्य जगदीश भॅवण, शिवचरण भॅवण के साथ-साथ रेनवाल व उदयपुर, मदनगंज-किशनगढ से पधारे हरिशंकर, कृष्णबिहारी सोनी, राकेश वर्मा(भॅवण) सहित सभी ने इस अनुकरणीय मिसाल की प्रशंसा की। दोनों बेटियों के इस फैसले में उनके पति क्रमशः डाॅ.केशव सोनी रेनवाल एवं राजेश सोनी उदयपुर ने भी अपना पूरा सहयोग प्रदान किया। ( विष्णु जाखोटिया की रिपोर्ट )