लेफ्टिनेंट जनरल डाॅ.एस आर मेहता का किया सम्मान, सेवानिवृत्त के बाद लगातार 15 वर्षों से रेनवाल में दे रहे हैं निशुल्क चिकित्सा सेवाएं, पालिकाध्यक्ष अमित ओसवाल, जैन दांतव्य औषधालय समिति एवं ग्रामीणों ने किया सम्मान



रेनवाल। अपने सेवानिवृत्ति के बाद भी लगातार 15 वर्षों से रेनवाल में निशुल्क चिकित्सा सेवाएं देने पर लेफ्टिनेंट जनरल डाॅ.एस आर मेहता का आज दुपट्टा एवं माला पहनाकर सम्मान किया गया।


कस्बे के जैन दांतव्य औषधालय में महिने में दो दिन अपनी निशुल्क चिकित्सा सेवाएं देने पर पालिकाध्यक्ष अमित ओसवाल,जैन दांतव्य औषधालय समिति एवं ग्रामीणों ने सम्मान दुपट्टा एवं माला पहनाकर स्वागत सम्मान किया।


इस अवसर पर पालिकाध्यक्ष अमित ओसवाल,जैन दांतव्य औषधालय समिति के अध्यक्ष निलेश जैन,मंत्री धीरज जैन, सदस्य अजय जैन,सैनिक वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष गोविंदसिंह राठौड़, विष्णु जाखोटिया,विष्णु बंब,वैद रामप्रकाश शर्मा आदि उपस्थित रहे। 

गौरतलब है कि रेनवाल जैन समाज द्वारा लगभग पिछले कई दशकों से मानव सेवार्थ निशुल्क चिकित्सा सेवाएं एवं दवाई वितरित की जा रही है।जिसमें आयुर्वेद चिकित्सा में दिनभर में सैकड़ों मरीजों को दवाई भी निशुल्क दी जाती है।


जैन समाज की इसी भावना से प्रेरित होकर रेनवाल-नांदरी निवासी लेफ्टिनेंट जनरल डाॅ.एस आर मेहता मई 2010 में भारतीय सेना में मेडिकल विभाग में सर्वोच्च पद से सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद ही रेनवाल जैन दांतव्य औषधालय से जुड़ गये एवं महिने में दो दिन जयपुर से रेनवाल पहुंचकर अपनी निशुल्क चिकित्सा सेवाएं देने लगे।

आज निशुल्क सेवा को पुरे 15 वर्ष होने पर उनका समिति सदस्यो एवं पालिकाध्यक्ष ने सम्मान किया।


सेना में काम करने का लंबा अनुभव: 
3 मई 1949 को रेनवाल के पास स्थित नांदरी गांव में जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल डाॅ.एस आर मेहता एमबीबीएस करने के बाद भारतीय सेना से जुड़ते हुए 1971 में पाकिस्तान युद्ध के समय पाकिस्तानी बोर्डर पर तैनात रहे।


उसके बाद लेह लद्दाख, सियाचीन में कार्यरत रहे।सन 1975 में मेडिकल कालेज पुणे से एमडी करने के बाद प्रोफेसर पद एवं विभागीय हैड रहे।उसके बाद उधमपुर में डिपार्टमेंट हैड बनकर सेना के डाक्टरों को मेडिकल शिक्षा देने में लग गए।

सन 1999 में हुये कारगिल युद्ध के दौरान विशेष सेवाएं देने पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल ने सेना विशिष्ट सेवा पदक देकर सम्मानित भी किया था।इस प्रकार 2010 में सेना महानिदेशक चिकित्सा सेवा पद से अति विशिष्ट सेवा पदक के साथ सेवानिवृत्त हुये।

इस दरमियान एक दुखद घटना में पुत्री के आकस्मिक निधन से इनका गहरा धक्का लगा तथा उसके बाद से पूर्ण रुप से अपने आप को मानव सेवा एवं समाजसेवा में समर्पित कर दिया।


पिछले बीस वर्षों से अपनी पुत्री प्रतिभा मेहता की स्मृति में रेनवाल की राजकीय सीनियर सेकेंडरी बालिका विद्यालय तथा नांदरी गांव की राजकीय विद्यालय में बोर्ड परीक्षा में अव्वल रहने वाली चार बालिकाओं तथा चार जरूरत मद बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति भी दे रहे हैं। रेनवाल में यह काम सैनिक वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह राठौड़ देख रहे हैं। ( विष्णु जाखोटिया की रिपोर्ट) 

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