बजट भाषण के दौरान विधायक रामलाल शर्मा ने किसानों, आमजन, बेरोज़गार युवाओं सहित चौमूँ क्षेत्र की मांगो को पुरज़ोर तरीक़े से विधानसभा में रखा

 



चौमूँ। विधानसभा बजट भाषण पर वाद विवाद के दोरान विधायक रामलाल शर्मा ने कॉंग्रेस सरकार द्वारा किसानों से किए गये कर्जमाफ़ी के वादे को पूर्ण करने, बेरोज़गारो को बेरोज़गारी भत्ता देने, संविदकर्मियों को नियमित करने का वादे को पूर्ण करने सहित पिछले बजटो में की गई घोषणाओं को पूर्ण करने की माँग की। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार सामाजिक समरसता, सुशासन, ग़रीब वर्ग का कल्याण, शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलने की बात तो करती है परंतु ये सब बजट भाषण में श्लोकन बनकर रह गये। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 2019 में गोशालाओं के लिए 145% और अनुदान देने की घोषणा की गई हो और हम गौशालाओं को नौ महीने का अनुदान देने का काम करेंगे और इस बजट में कहा गया कि हम 12 महीने का अनुदान देने का काम करेंगे तो परंतु पिछले चार साल में गौशालाओं को भी है। छह महीने का अनुदान भी गौशालाओं को नहीं दिया जा रहा है। सरकार ने बजट के दौरान कहा कि हमारी सरकार बिजली उत्पादन के मामले में सरप्लस हो चुकी है, यदि सरकार के पास बिजली उत्पादन सरप्लस हो चुकी है तो आज गांवों में शाम होते ही बिजली कटौती क्यों की जाती है और शहरों के अंदर भी सवेरे बिजली की कटौती आम बात हो चुकी है। 

किसानों को दिन में बिजली देने का वादा कर आज भी उनको दिन में बिजली नहीं दी जाती है। न्यायालयों में लंबित पड़े मामलों के निस्तारण के लिए सरकार द्वारा कमेटी बनाने की घोषणा की गई थी परंतु राजस्व विभाग के अधिकारी इन मामलों के निस्तारण में मोटी वसूली करने का काम भी करते हैं। इन अधिकारियों की जाँच करने के लिए सरकार को एक विजिलेंस टीम का गठन करना चाहिए।उन्होंने बंदोल स्थित सार्वजनिक प्याऊ की ज़मीन को अधिकारियों द्वारा खुर्दबुर्द करने की बात कही। 

उन्होने दैनिक भास्कर की ख़बर का ज़िक्र करते हुए कहा कि अख़बार द्वारा मासूम बच्चों की तस्करी करने का मामला कई बार उठाया गया। परंतु सरकार ने एक क़दम चलने का काम भी नहीं किया। उन्होंने खाद्य पदार्थों में की जा रही मिलावट की रोकथाम के लिए सरकार से आवश्यक क़दम उठाने की माँग की। उन्होंने राजस्थान पत्रिका के सम्पादक गुलाब कोठारी जी की बात का ज़िक्र करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को शुद्ध हवा, पानी और धूप की आवश्यकता है। 

उन्होंने कहा कि जयपुर विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाली बेस क़ीमती ज़मीनों को डकारने का काम किया है। जेडीये के अंतर्गत आने वाली  ज़मीनों पर ग्राम पंचायतें सार्वजनिक निर्माण करने के लिए भी तरस रही है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज भी आपातकाल की स्थिति में मेडिकल सुविधाएँ इतनी मज़बूत नहीं है कि आमजन को बचाया जा सके। उन्होंने कोरोना का ज़िक्र करते हुए कहा कि एक भी मरीज़ का इलाज पीएचसी और सीएचसी सेंटरो पर नहीं किया गया, कोरोना में निजी अस्पतालों ने आमजन को बचाने का काम किया है और आज वो सभी निजी अस्पताल अपनी माँगो को लेकर हड़ताल पर है। पिछले 4 दिनों से चिरंजीवी योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है। सरकार जल्द से जल्द इन निजी अस्पतालों की जायज़ माँगो को सुनकर उनका समाधान करने का काम करें। 

उन्होंने भर्तियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में विद्या संबल योजना के अंतर्गत होने वाली भर्तियों आज भी लंबित है, युवा आज भी नौकरी की आस में दर दर भटक रहे हैं। उनकी कोई सुनने वाला नहीं हैं। आज भी 28000 सीएचए अपनी माँगो को लेकर लगातार धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने चुनावों में संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा किया था परंतु अभी तक एक भी संविदा कर्मियों को नियमित करने का काम सरकार द्वारा नहीं किया गया है। 

उन्होंने परिवहन विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के विधायक और कार्यकर्ता परिवहन विभाग के अधिकारियों को ट्रकों को पास करने की सूची बनाकर देते हैं और फिर परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा उन ट्रकों को कहीं भी नहीं रोका जाता है। इस तरीक़े से अब राजस्थान के अंदर ये घूसख़ोरी का खेल खेला जा रहा है, जो राजस्व का सीधा सीधा घाटा है। सरकार जल्द से जल्द इस पर अंकुश लगाने का काम करे। पशुपालकों के सामने चारे की बढ़ती हुई क़ीमतों के कारण काफ़ी समस्या उत्पन्न हो रही है। सरकार चारे में हो रही अनियमियताओं दूर करने का काम करें। 

उन्होने चौमूँ विधानसभा की समस्याओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि जयपुर हाउसिंग बोर्ड द्वारा 1984 के अंदर अवाप्त की गई ज़मीन आज भी लंबित पड़ी हुई है। किसानों के साथ चल रहे विवाद को दूर करने के लिए उनको एक टेबिल पर बिठाकर जो मुआवज़ा सरकार देना चाहती है वो देकर मामले का निस्तारण करने का काम करे। मेरे विधानसभा क्षेत्र के अंदर एक सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हुआ था और पाँच साल बीत जाने के बाद भी अरबन पीएचसी को धरातल के ऊपर नहीं है। साथ ही उन्होंने जिला परिषद और पंचायत सदस्यों के मानदेय में बढ़ोतरी करने की बात कही। उन्होंने आंगनबाड़ी के कार्यकर्ताओं और राशन डीलरों की माँगो को पूरा करने की बात भी विधानसभा पटल पर कही।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने