भू स्वामित्व/पट्टा विलेख की पत्रावलिया को ऑनलाइन करने की मांग, मनोनीत ने निदेशक स्वायत शासन विभाग के नाम उपखंड अधिकारी को सोपा ज्ञापन



चौमूं। नगर परिषद, चौमूं में पूर्व से संधारित फिजिकल पत्रावलियों सहित नवीन संधारित पत्रावलियों को ऑनलाइन किए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को नगर परिषद पार्षद राजेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने निदेशक स्वायत शासन विभाग, जयपुर के नाम उपखंड अधिकारी राजेश जाखड़ को ज्ञापन सोपा।

मुख्य सचिव  के द्वारा प्रदत्त निर्देशों की पालना में राजस्थान सरकार के सभी विभागों / बोर्ड / निगम / प्राधिकरण / कॉर्पोरेशन में पूर्व से संधारित फिजिकल पत्रावलियों सहित नवीन संधारित पत्रावलियों को ए,बी,सी,एवं डी कैटेगरी में विभाजित कर ऑनलाइन किया गया है तथा वर्तमान में नवीन पत्रावलियाँ प्रारंभिक स्तर पर ऑनलाइन क्रिएट कर प्रस्तुत की जा रही है एवं उच्चाधिकारियों सहित विभागाध्यक्षों एवं राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन ही स्वीकार की जाकर उनका निस्तारण किया जा रहा है, परंतु अत्यन्त खेद की बात है कि नगर परिषद,चौमूं में कुछ प्रकरणों (जन्म, मृत्यु एवं विवाह प्रमाण पत्र आदि) से संबंधित पत्रावलियां ही ऑनलाइन प्रस्तुत कर निस्तारित की जा रही है, वरन् आमजन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रकरण यथा भू-स्वामित्व विलेख / पट्टा विलेख आदि से संबंधित पत्रावलियां पूर्व की भांति ही फिजिकल संधारित की जा रही है।
इसे दृष्टिगत रखते हुए नगर परिषद, चौमूं में भी आमजन / लोगों द्वारा अपनी सम्पति के मालिकाना हक के लिए भू-स्वामित्व विलेख / पट्टा विलेख प्राप्त करने हेतु आवेदन किये गये परंतु नगर परिषद, चौमूं में उक्तानुसार किये गये आवेदनों / प्रकरणों से संबंधित पत्रावलियों सहित उक्त विलेख प्राप्त करने हेतु उनके द्वारा वर्षों पूर्व किये गये आवेदनों / प्रकरणों से संबंधित पत्रावलियों को भी ऑनलाइन संधारित नहीं कर फिजिकल ही संधारित किया गया, जिससे उक्त आवेदनों / प्रकरणों से संबंधित पत्रावलियों के Movement सहित उक्त आवेदन / प्रकरण में क्या कार्यवाही विचाराधीन है, क्या आक्षेप लगाये गये, क्या-क्या दस्तावेज कम हैं अथवा क्या क्या पूर्ति और की जानी है, से संबंधित जानकारी नहीं हो रही हैं, वरन् आये दिन नगर परिषद में चक्कर लगाने पर भी संबंधित कर्मचारी / अधिकारी द्वारा सहजता से एक ही जवाब दिया जाता है कि प्रकरण विचाराधीन है, साहब के पास लंबित है, कार्यवाही चल रही है बल्कि यह जानकारी नहीं हो पाती है कि किस कर्मचारी / अधिकारी के पास उक्त पत्रावली कितने दिन / महिने / वर्षों से लंबित पड़ी है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की उक्त जन कल्याणकारी पहल "प्रत्येक नागरिक को अपनी सम्पत्ति का मालिकाना हक प्राप्त हो" की कियान्विति नहीं हो पाई है, जिसके परिणामस्वरूप आमजन का केवल निराशा हाथ लगी और अपने आपको को लाचार एवं ठगा सा महसूस कर रहा है।

ज्ञापन में बताया कि उक्तानुसार पत्रावलियों के ऑनलाइन संधारित नहीं होने के कारण कर्मचारी / अधिकारियों की जवाबदेही तय नहीं होती, जबकि राज्य सरकार की मुख्य सचिव  द्वारा विभाग की सभी पूर्व की एवं वर्तमान में नवीन संधारित पत्रावलियों को ऑनलाइन करने के संबंध में कई बार निर्देश दिये गये हैं तथा कई बार स्वयं के स्तर पर मिटिंग लेकर पत्रावलियों को कैटिगरी वाइज संधारित करने के निर्देश प्रदान करने के बावजूद भी नगर परिषद, चौमूं के द्वारा उक्त प्रकरणों से संबंधित पत्रावलियों को ऑनलाइन नहीं करना राज्य सरकार के निर्देशों की अवहेलना करना दर्शाता है। 


अतः ज्ञापन के माध्यम से वर्मा ने  नगर परिषद, चौमूं में भी सभी प्रकरणों सहित भू-स्वामित्व विलेख / पट्टा विलेख से संबंधित प्रकरणों की पत्रावलियों को ऑनलाइन करने मांग की।
इस अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष लोकेश शर्मा, महासचिव घनश्याम बुटोलिया, सलीम खान भी उपस्थित थे।

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