रेनवाल। जैन विश्व भारती संस्थान लाडनूं नागौर के शिक्षा संकाय से शकुंतला शर्मा धर्मपत्नि धीरेंद्र मिश्रा ने अपना शोध कार्य पूर्ण किया है। इन्होंने "माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के नैतिक एवं चारित्रिक मूल्यों के विकास में अध्यापकों की भूमिका" विषय पर शोध के लिए पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।इन्होंने अपना शोध कार्य डॉ. विष्णु कुमार के निर्देशन में पूर्ण किया है।
रेनवाल की बहु के रुप में शकुंतला शर्मा को डाॅक्टरेट की उपाधि मिलने पर ससुराल पक्ष,कस्बे के विभिन्न सामाजिक संगठनो एवं शुभचिंतको ने शकुंतला शर्मा को प्रेरक भूमिका निभाने की अपनी शुभकामनाऐ दी है। गौरतलब है की शकुंतला शर्मा का विवाह रेनवाल निवासी धीरेन्द्र मिश्रा सुपुत्र हरिशचन्द्र मिश्रा के साथ हुआ है।
बचपन से हमेशा पढाई में होशियार रहने वाली शकुंतला शर्मा की विवाह के बाद भी पढाई में विशेष लगाव एवं रुचि रही।इनकी रूचि को देखते हुये पति धीरेन्द्र मिश्रा एवं ससुर हरिशचन्द्र मिश्रा सहित पूरे ससुराल पक्ष ने आगे की पढाई अनवरत जारी रखने की प्रेरणा दी एवं सहयोग भी प्रदान किया।
इसी प्रेरणा के कारण ससुराल में रहते हुये बी.एड., एम ए.,एम.एड,शिक्षा में नेट तथा वर्तमान में पीएचडी कर सभी लड़कियों के लिऐ एक नई प्रेरणा का कार्य भी किया है।
शकुंतला शर्मा वर्तमान में कस्बे की श्री महावीर शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में सहायक आचार्य पद पर कार्यरत है।पिछले 8 वर्षो से शिक्षण कार्य के साथ-साथ लेखन कार्य,महिला सशक्तिकरण के कार्यो में,छात्राओ को पढाई के लिऐ प्रेरित करने जैसे कार्यो से भी जुडी हुई है। (विष्णु जाखोटिया की रिपोर्ट)