उत्तम त्याग धर्म के रुप में पर्वाधिराज पर्युषण पर्व का आठवां दिन मनाया

रेनवाल ( विष्णु जाखोटिया)। आज श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर रेनवाल के प्रांगण में पर्वाधिराज पर्युषण पर्व का आठवां दिन उत्तम त्याग धर्म मनाया गया ।इस अवसर पर प्रात काल श्री जी के अभिषेक एवं शांति धारा हुई। प्रथम अभिषेक एवं शांत धारा का सौभाग्य मोहिनी देवी शांति देवी ठोलिया को प्राप्त हुआ
       

सायं काल महाआरती तथा बाद बाहर से आए हुए शास्त्री जी द्वारा प्रवचन हुए । जिसमें उत्तम त्याग धर्म के बारे में बताते हुए कहा "आत्मशुद्धि के उद्देश्य से विकार भाव छोड़ना तथा स्व-पर उपकार की दृष्टि से धन आदि का दान करना त्यागधर्म है। अतः भोग में लाई गई वस्तु को छोड़ देना भी त्याग धर्म है।


आध्यात्मिक दृष्टि से राग द्वेष क्रोध मान आदि विकार भावों का आत्मा से छूट जाना ही त्याग है। उससे नीची श्रेणी का त्याग धन आदि से ममत्व छोड़कर अन्य जीवों की सहायता के लिये दान करना है।
          

इस अवसर पर मंदिर की में अध्यक्ष सुनील छाबड़ा ,स्वरूप चंद जैन, अमित ठोलिया ,ललित ठोलिया ,राहुल ठोलिया,रजत, निकिता बाकलीवाल, पंकज पाटौदी ,ज्ञाना देवी छाबड़ा ,नेहा विनायक्या ,ललिता गोधा ,अलका ठोलिया सहित समाज के कई सदस्य उपस्थित रहे।

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