मानसिक एवं शारीरिक रोगों के लिए आयुर्वेद सर्वोत्तम चिकित्सा पद्धति

 

रेनवाल। आयुष्मान आरोग्य मंदिर राजकीय आयुर्वेद औषधालय मंढ़ा भीम सिंह में धन्वंतरि जयंती पर आयोजित आरोग्य सप्ताह के दूसरे दिन कार्य स्थल पर होने वाले मानसिक एवं शारीरिक रोगों पर कार्यशाला रखी गई। इसमें कस्बे के राजकीय सेवा में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान धन्वंतरि जी के समक्ष दीप प्रज्वलन कर सरपंच रामगोपाल बासनीवाल,उप सरपंच सुनील शर्मा एवं आए हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों ने किया। 

औषधालय चिकित्साधिकारी प्रभारी डॉ मुकेश शर्मा ने बताया स्वस्थ व्यक्ति को स्वस्थ रखना आयुर्वेद का मूल सिद्धांत है इसके तहत सम्यक आहार सम्यक निद्रा एवं योग प्राणायाम द्वारा व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। 

कार्य स्थल पर व्यक्ति को आधारणीय वेग मूत्र, शौच, कास, अपान वायु, क्षुधा, जम्भाई,छींक आदि 13 प्रकार के वेगो को धारण नहीं करना चाहिए इससे अनेक रोगों की उत्पत्ति होती है। साथ ही बैठने की स्थिति एवं मानसिक तनाव आदि से मुक्ति के लिए ग्रीवाबस्ति, कटिबस्ति, नस्य, सिरोबस्ति, आदि से इनका सम्पूर्ण  उपचार हो सकता है। 

ब्राह्मी, मांडूपर्णी अश्वगंधा आदि मैध्य रसायन साथ ही आंखों के लिए त्रिफला घृत,वैदना के लिए गूगल अश्वगंधा हरसिंगार आदि औषधीय का उपयोग कर व्यक्ति अपने आप को स्वस्थ रख सकता है। आए हुए सभी को मौसम में बीमारियों के लिए शुष्क क्वाथ का वितरण किया गया। 

कार्यक्रम में वार्ड पंच चुन्नीलाल मेलनर्स कमलेश स्वामी, प्रधानाचार्य शंकर लाल कुमावत,रघुवीर सिंह,आनंदीलाल, द्वारका प्रसाद शर्मा, अनिल कुमार,दिनेश कुमावत, राजेंद्र शर्मा ,रामगोपाल कुमावत, सोहनलाल मीणा, महेंद्र प्रजापत, योग प्रशिक्षण पायल कुमावत सहित कस्बे के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। 

औषधालय के कंपाउंडर दिनेश कुमार सेपट ने सभी को धन्यवाद दिया। (विष्णु जाखोटिया की रिपोर्ट)

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