राधा अष्टमी महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया

श्रीमाधोपुर। नगर आराध्य मंदिर श्री गोपीनाथ जी में आज हर्षोल्लास से राधा अष्टमी उत्सव का आयोजन हुआ। प्रातः काल मंगला आरती पश्चात ठाकुर श्री राधा गोपीनाथ जी का पंचामृत से महाभिषेक किया गया, तत्पश्चात नवीन पोशाक धारण कराई गई ।

श्रृंगार आरती के पश्चात प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक राधे रानी के सम्बंधित भजन एवं संकीर्तन की नृत्य के साथ भक्तों झूम उठे। 

सभी भक्तों को राधा जी प्राकट्य की कथा करते हुए मंदिर महंत डॉ मनोहर शरण दास ने बताया कि राधा जी भगवान की परम आद्या शक्ति  है, जिनका प्राकट्य यमुना जी से कमल दल पर हुआ और वो वृषभानुजी एवं कीरती मैया के घर में पली ।

राधा जी के पिता सूर्य के अवतार है,जो कि समुद्र मंथन पर मोहिनी अवतार में भगवान ने सूर्य देव को वचन दिया था।महंत महाराज ने बताया कि भगवान कृष्ण की शक्ति स्वरुप में राधा जी सदैव विद्यमान है। 


दोपहर में महा आरती के पश्चात भक्ति बधाई गान करते हुए झूम उठे।  सभी भक्तों को उपहार न्योछावर एवम् उछाल की गई।पंजीरी पंचामृत वितरण पश्चात राजभोग प्रसाद प्रदान किया गया । 


सायंकाल महिला भक्तों ने नृत्य मय बधाइयां भगवान श्री राधा गोपीनाथ के चरणों में अर्पित की । सायं काल राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत के द्वारा मंगल बधाई गान कार्यक्रम प्रारंभ हुआ, जो रात्रि तक जारी था। ( हरिओम कुमावत की रिपोर्ट)

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