इस अवसर पर थाना अधिकारी हितेश शर्मा ने कहा कि वृक्ष होंगे तब ही जीवन संभव है। वृक्ष से हमें शुद्ध हवा और निरोगी जीवन प्राप्त होता है। डॉक्टर राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद ,योग और प्राकृतिक चिकित्सा जीवन जीने की कला है। इनमें औषधीय पौधों का विशेष महत्व है । इन जड़ी-बूटियों के पौधों के सेवन से शरीर की समस्त प्रकार की व्याधि दूर होती है ।औषधीय पौधों के द्वारा निर्मित औषधियां व्यक्ति की बीमारियों को ठीक करती है व शरीर को निरोगी रखती हैं।
फाउंडेशन के चेयरमैन रामनिवास नोवाल ने बताया कि औषधीय उद्यान में अश्वगंधा ,शतावरी ,अपराजिता ,आकाश बेल, श्याम वृंदा , राम वृंदा, मेघराज ,गिलोय, वज्रदंती , लेमनग्रास ,सहदेही,अमलतास ,गुल्लर ,सीता अशोक, अजवाइन ,निर्गुंडी ,ऑक्सीजन प्लांट, पारिजात, सिंदूरी ,कल्पवृक्ष, सोना मुखी ,बेलपत्र, पलाश, गोंदी ,गूगल, पारस पीपल ,अर्जुन ,रुद्राक्ष ,कचनार ,तेज पत्र, काली मिर्च, दालचीनी ,वन तुलसी ,कुलंजन ,कलिहारी ,मधुनाशिनी वेल , घृतकुमारी ,विदारीकंद, गंभारी ,पाषाणभेद ,रातरानी बेल ,दमा बेल , सहजन, मौलश्री, आंवला, वराह करणी ,कदंब ,हड्डी जोड़ बोगन बेलिया ,विजयसार ,जपाकुसुम, चंपा, अंकोल सहित अनेक प्रकार की औषधियां लगाई गई ।
इस अवसर पर चंदू शर्मा ,बाबूलाल चौधरी ,रामनारायण ,सुनील शर्मा ,अमर सिंह ,जगन लाल हेड कांस्टेबल, प्रकाश, सुरेश ढाका ,कमलवीर, राम जी ,सुरेश कुमार शर्मा ,मोहनलाल ,दीपचंद सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। (विष्णु जाखोटिया की रिपोर्ट)