बालिकाओं ने स्वावलंबी बनने का लिया संकल्प, उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन संपन्न



चौमूं। स्थानीय राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर उद्यमिता प्रोत्साहन एवं उद्यमी सम्मान समारोह का आयोजन हुआ।

समारोह के मुख्य वक्ता धर्मेन्द्र शर्मा "पुरुषोत्तम" ने कहा कि सभी युवाओं को विद्यार्थी जीवन में ही  हुनर, दक्षता एवं कौशल हासिल कर स्वावलंबी बन जाना चाहिए। सरकारी क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र में कुल मिलाकर केवल 8-9% नौकरियां ही उपलब्ध है। 
अतः नौकरी करने की मानसिकता का त्याग कर, रोजगारप्रदाता बनने का संकल्प ले। उद्यमिता एवं स्वरोजगार को अपनाकर ही बेरोजगारी की समस्या का निदान संभव है।

समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षाविद कृष्णपाल सिंह यादव ने स्वावलंबी भारत अभियान की प्रस्तावना रखी। 
उन्होंने बताया कि प्राचीन भारतीय स्वर्णिम इतिहास कुटीर उद्योग, लघु उद्योग एवं स्वावलंबी ग्राम अर्थव्यवस्था के कारण ही था।

समारोह में युवा उद्यमी दिनेश जिंदल का दुपट्टे  एवं प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मान किया। अपनी सक्सेस स्टोरी साझा करते हुए जिंदल ने बताया कि वह छात्र जीवन से ही रोजगार प्रदाता बनना चाहता था। आज वह 40 परिवारों को रोजगार दे रहे हैं।

समारोह की अध्यक्षा प्रधानाचार्य सुमन शर्मा ने बालिकाओं को छात्र जीवन से ही अपना कौशल एवं दक्षता का विकास कर अर्जन करने का संकल्प करवाया। 

स्वदेशी जागरण मंच के जिला संपर्क प्रमुख देवदत्त शर्मा ने समारोह का संचालन करते हुए युवाओं से संवाद स्थापित किया। 

समारोह में अनेक शिक्षाविद उपस्थित थे। सम्मान समारोह में विद्यार्थियों ने मंच से संवाद स्थापित कर स्वावलंबी एवं सफल उद्यमी बनने का संकल्प लिया।

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