चौमूं। नारी सशक्तिकरण एवं समानता की प्रतीक महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने पर जोर देने की बात कहने वाली जयपुर की प्रथम महिला न्यूरोसर्जन डॉक्टर आकांक्षा तंवर से महिला दिवस पर हमने बात की तो उन्होंने बताया कि न्यूरोसर्जरी की प्रक्रिया काफी जटिल है एवं महिला डॉक्टर के लिए चुनौतीपूर्ण होने के कारण सामान्यतः महिला डॉक्टर न्यूरोसर्जरी को करियर के तौर पर नहीं चुनती थी, किंतु मैंने इस चुनौती को स्वीकार कर इस क्षेत्र को चुना ।
डॉक्टर आकांक्षा तंवर जयपुर जिले के चौमूं कस्बे में जन्मी तथा वहीं स्कूली शिक्षा प्राप्त कर एम.बी.बी.एस. जयपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से किया, इन्होंने NEET पीजी परीक्षा की मेरिट से न्यूरोसर्जरी 6 वर्षीय कोर्स (डॉक्टरेट इन नेशनल बोर्ड) में सर गंगाराम हॉस्पिटल, नई दिल्ली में प्रवेश लिया तथा वर्ष 2024 में डॉक्टरेट इन न्यूरोसर्जरी डिग्री उत्तीर्ण की ।
डॉक्टर आकांक्षा अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता व परिवारजन को देती हैं, उनके पिता महेंद्र सिंह तंवर सेवानिवृत्त आर.पी.एस. तथा माता गृहणी है, चिकित्सा क्षेत्र में न्यूरोसर्जन डॉक्टर पंकज गुप्ता व महात्मा गांधी अस्पताल के चेयरपर्सन डॉक्टर एम एल स्वर्णकार इनके प्रेरणा स्रोत हैं।
वर्तमान में डॉक्टर आकांक्षा सर गंगाराम हॉस्पिटल नई दिल्ली में अपनी सेवाएं दे रही हैं, हाल ही में उन्हें डॉक्टर ए. डी. सहगल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। प्रारंभ से ही अध्ययन में अव्वल रहने वाली डॉक्टर आकांक्षा गार्गी पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है, अब वे जयपुर की प्रथम महिला न्यूरोसर्जन बनकर इस क्षेत्र में महिलाओं का मार्ग प्रशस्त कर रही है।