स्वदेशी जागरण मंच एवं शैक्षिक महासंघ ने नववर्ष मनाया, भारतीय संवत्सर कालगगणना का सर्वाधिक पुरातन एवं वैज्ञानिक आधार-धर्मेन्द्र शर्मा

चौमूं। मोरीजा रोड स्थित स्थानीय कन्या महाविद्यालय में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एवं स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय नववर्ष समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन  द्वारा किया गया। 

समारोह के मुख्य वक्ता स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संपर्क प्रमुख धर्मेन्द्र शर्मा ने कहा कि भारतीय नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा कालगणना का सर्वाधिक पुरातन एवं वैज्ञानिक आधार है। जिसके आधार पर ही समाज जीवन में षोडश संस्कार सहित विवाह आदि के मुहूर्त निकल जाते हैं। 
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन सृष्टि रचना, राम राज्याभिषेक, युधिष्ठिर राज्याभिषेक, विक्रमादित्य का राज्यारोहण, संत झूलेलाल का जन्मदिन, आर्य समाज की स्थापना, संघ संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार का जन्मदिन एवं राजस्थान राज्य की स्थापना जैसी ऐतिहासिक घटनाएं जुड़ी हुई है। स्वदेशी वस्तुएं/ उत्पाद अपना कर तथा विदेशी उत्पादों का बहिष्कार कर स्वावलंबी भारत अभियान को यशस्वी बनने की अपील की गई।

प्रजातंत्र के महापर्व आगामी लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि मानकर शतप्रतिशत मतदान करने का आवाहन भी किया गया।


समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य राजेंद्र कुमार ने भारतीय संस्कृति एवं स्वदेशी को अपनाने का आग्रह किया। कार्यक्रम संयोजक डाॅ सुरेश कुमार शर्मा ने शैक्षिक महासंघ की प्रस्तावना प्रस्तुत की। इकाई सचिव डॉ चंद्र मोहन राजोरिया ने मंच संचालन किया। 

प्रोफेसर भगवान सहाय शर्मा ने संस्कृत भाषा में धन्यवाद ज्ञापन किया। समारोह मे महाविद्यालय के संकाय सदस्यों सहित छात्राओं ने परस्पर मीठा मुंह करवा कर नववर्ष मनाया। कल्याण मंत्र के साथ समारोह संपन्न हुआ।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने